Jeetendra Gaur
आपका "आधार" बन सकता है डेबिट कार्ड
अगर आपके पास डेबिट कार्ड नहीं है और मोबाइल बैंकिंग या पेटीएम जैसे ई-वॉलेट की सुविधा भी नहीं है तो चिंता करने की कोई बात नहीं।
वह दिन दूर नहीं जब आपका आधार नंबर ही डेबिट कार्ड की तरह काम करेगा। आप किसी भी दुकान पर अपना आधार नंबर बताकर और अंगुली की छाप देकर ही सामान खरीद सकेंगे और माइक्रो एटीएम से पैसा भी निकाल सकेंगे।
कालेधन और आतंकी फंडिंग को रोकने के इरादे से 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने के बाद सरकार कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने के इरादे से व्यापक स्तर पर आधार नंबर आधारित भुगतान प्रणाली को प्रोत्साहित करने की तैयारी कर रही है।
यूनिक आइडेंटिटी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआइडीएआइ) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय भूषण पांडेय ने संवाददाताओं से कहा कि लोग अपने आधार नंबर को बैंक खातों से लिंक कर सकते हैं।
इसके बाद वे एक बैंक से आधार आधारित पेमेंट सिस्टम का इस्तेमाल कर एक बैंक से दूसरे बैंक में पैसा ट्रांसफर करने तथा अपने खाते से राशि निकालने और खर्च करने जैसे ट्रांजेक्शन कर सकेंगे। लोग सिर्फ अपना आधार नंबर बताएंगे जबकि अंगुली की छाप देने या आंख की पुतली की फोटो (आइरिस स्कैन) से उनकी पहचान की जा सकेगी।
उन्होंने कहा कि फिलहाल देश के 118 बैंकों ने यूआइडीएआइ के साथ इस संबंध में करार किया है और इनके ग्राहक आधार आधारित पेमेंट प्रणाली का इस्तेमाल कर सकते हैं। फिलहाल आइडीएफसी बैंक के माइक्रो एटीएम के माध्यम से लोग इस तरह के लेनदेन कर रहे हैं।
पांडेय ने कहा कि देशभर में 108 करोड़ लोगों को आधार नंबर जारी किए जा चुके हैं और अब तक 36 करोड़ आधार नंबर बैंक से लिंक हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि यूआइडीएआइ फिलहाल हर दिन 1.31 करोड़ आधार आधारित बॉयोमेट्रिक्स को सत्यापित करता है।
फिलहाल यूआइडीएआइ के पास इस तरह के 10 करोड़ ट्रांजेक्शन प्रतिदिन सत्यापित करने की क्षमता है जिसे आगे बढ़ाकर 40 करोड़ रुपये तक किया जा सकता है।
इसके अलावा सरकार मोबाइल हैंडसेट निर्माता कंपनियों से भी बात कर रही है ताकि अंगुली की छाप (बॉयोमेट्रिक निशान) की सुविधा मोबाइल हेंडसेट में ही दी जा सके।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि इस संबंध में मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों से बात की जा रही है। कांत मुख्यमंत्रियों की उस उपसमिति में है जिसका गठन सरकार ने देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए किया है।
आईटी सचिव अरुणा सुंदराजन ने कहा कि मंत्रालय ने 100 करोड़ रुपये व्यापारियों को डिजिटल प्लेटफार्म से जोड़ने के लिए प्रोत्साहन देने के लिए रखा है।
सरकार कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से व्यापारियों को डिजिटल प्लेटफार्म से जोड़ेगी। इसके लिए प्रति व्यापारी उन्हें 100 रुपये दिए जाएंगे। इस संबंध में आगामी सोमवार से एक अभियान शुरू किया जाएगा।
आपका "आधार" बन सकता है डेबिट कार्ड
अगर आपके पास डेबिट कार्ड नहीं है और मोबाइल बैंकिंग या पेटीएम जैसे ई-वॉलेट की सुविधा भी नहीं है तो चिंता करने की कोई बात नहीं।
वह दिन दूर नहीं जब आपका आधार नंबर ही डेबिट कार्ड की तरह काम करेगा। आप किसी भी दुकान पर अपना आधार नंबर बताकर और अंगुली की छाप देकर ही सामान खरीद सकेंगे और माइक्रो एटीएम से पैसा भी निकाल सकेंगे।
कालेधन और आतंकी फंडिंग को रोकने के इरादे से 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने के बाद सरकार कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने के इरादे से व्यापक स्तर पर आधार नंबर आधारित भुगतान प्रणाली को प्रोत्साहित करने की तैयारी कर रही है।
यूनिक आइडेंटिटी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआइडीएआइ) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय भूषण पांडेय ने संवाददाताओं से कहा कि लोग अपने आधार नंबर को बैंक खातों से लिंक कर सकते हैं।
इसके बाद वे एक बैंक से आधार आधारित पेमेंट सिस्टम का इस्तेमाल कर एक बैंक से दूसरे बैंक में पैसा ट्रांसफर करने तथा अपने खाते से राशि निकालने और खर्च करने जैसे ट्रांजेक्शन कर सकेंगे। लोग सिर्फ अपना आधार नंबर बताएंगे जबकि अंगुली की छाप देने या आंख की पुतली की फोटो (आइरिस स्कैन) से उनकी पहचान की जा सकेगी।
उन्होंने कहा कि फिलहाल देश के 118 बैंकों ने यूआइडीएआइ के साथ इस संबंध में करार किया है और इनके ग्राहक आधार आधारित पेमेंट प्रणाली का इस्तेमाल कर सकते हैं। फिलहाल आइडीएफसी बैंक के माइक्रो एटीएम के माध्यम से लोग इस तरह के लेनदेन कर रहे हैं।
पांडेय ने कहा कि देशभर में 108 करोड़ लोगों को आधार नंबर जारी किए जा चुके हैं और अब तक 36 करोड़ आधार नंबर बैंक से लिंक हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि यूआइडीएआइ फिलहाल हर दिन 1.31 करोड़ आधार आधारित बॉयोमेट्रिक्स को सत्यापित करता है।
फिलहाल यूआइडीएआइ के पास इस तरह के 10 करोड़ ट्रांजेक्शन प्रतिदिन सत्यापित करने की क्षमता है जिसे आगे बढ़ाकर 40 करोड़ रुपये तक किया जा सकता है।
इसके अलावा सरकार मोबाइल हैंडसेट निर्माता कंपनियों से भी बात कर रही है ताकि अंगुली की छाप (बॉयोमेट्रिक निशान) की सुविधा मोबाइल हेंडसेट में ही दी जा सके।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि इस संबंध में मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों से बात की जा रही है। कांत मुख्यमंत्रियों की उस उपसमिति में है जिसका गठन सरकार ने देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए किया है।
आईटी सचिव अरुणा सुंदराजन ने कहा कि मंत्रालय ने 100 करोड़ रुपये व्यापारियों को डिजिटल प्लेटफार्म से जोड़ने के लिए प्रोत्साहन देने के लिए रखा है।
सरकार कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से व्यापारियों को डिजिटल प्लेटफार्म से जोड़ेगी। इसके लिए प्रति व्यापारी उन्हें 100 रुपये दिए जाएंगे। इस संबंध में आगामी सोमवार से एक अभियान शुरू किया जाएगा।
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