Jeetendra Gaur
1. यूपी के कानपुर में रविवार को इंदौर-पटना ट्रेन हादसे में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। हादसे के बाद कुछ स्थानीय लोग इस जगह को श्रापित मानने लगे हैं। hum आपको देश के कुछ ऐसे रेलवे स्टेशन के बारे में बताने जा रहा है, जहां लोग जाने से डरते हैं।
यूपी के इलाहाबाद के पास स्थित नैनी रेलवे स्टेशन नैनी जेल से कुछ दूरी पर ही है। ऐसा कहा जाता है कि नैनी जेल में कुछ स्वतंत्रता सेनानियों की मौत दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से हो गई थी। उन सेनानियों की आत्माएं स्टेशन पर घूमती हैं। हालांकि, इनको आजतक किसी ने नहीं देखा। लेकिन स्थानीय लोगों की मानें तो आत्माओं की उपस्थिति महसूस की जा सकती है।
2. लुधियाना रेलवे स्टेशन, पंजाब
इस स्टेशन के रिजर्वेशन केंद्र के एक कोने में छोटा सा कमरा है, जिसमें कभी कम्प्युटर आरक्षण प्रणाली (सीआरएस) के अफसर सुभाष नौकरी करते थे। एक दिन इसी छोटे कमरे में सुभाष की मौत हो गई। लोगों का मानना है कि इस कमरे के आसपास से गुजरने पर सुभाष की आत्मा पीठ पर थप्पड़ मारती या चिकोटी काटती है। लोग कहते हैं, सुभाष को अपनी नौकरी से प्रेम था, इसलिए उनकी आत्मा नहीं चाहती कि उनकी कुर्सी पर कोई और बैठे। यही वजह है कि वह बिना छुट्टी लिए रोज काम पर आ जाते थे। वह कमरा आज भी बंद पड़ा है।
3.बड़ोग स्टेशन हिमाचल प्रदेश
बड़ोग स्टेशन हिमाचल प्रदेश के शिमला से करीब 65 किलोमीटर पहले मिलता है। यह स्टेशन इंजीनियर कर्नल बड़ोग की कहानी के लिए जाना जाता है, जिन्हें इस सुरंग को बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। बड़ोग सुरंग के दोनों तरफ खुदाई के लिए कर्नल ने एक योजना बनाई, जिससे कि वह काम जल्दी हो जाता। लेकिन उनसे एक ऐसी गलती हुई, जिससे सुरंग के दोनों छोर एक-दूसरे से नहीं मिल पाए। सुरंग जिसे एक सुंदर स्टेशन बनना था, वह आपदा में तब्दील हो गई। इसके बाद ब्रिटिश सरकार ने बड़ोग पर 1 रुपए का दंड लगाया। बड़ोग को अपनी इस असफलता पर बहुत ज्यादा शर्मिंदगी हुई। वह एक दिन सुरंग के अंदर गए और वहीं सुसाइड कर लिया। इसके कुछ सालों बाद एक और नई सुरंग बनाई गई, जिसका नाम बड़ोग रखा गया।
बड़ोग की अधूरी सुरंग, अभी उतनी अच्छी हालत में नहीं है। उसके छत से पानी टपकता रहता है और अंदर अंधेरा छाया रहता है। यात्री इस सुरंग के अंदर यह देखने जाते हैं कि वास्तव में बरोग का भूत उस सुरंग में है या नहीं। यह भी कहा जाता है कि जो नई सुरंग है, वहां बड़ोग की आत्मा घोड़े की सवारी करती फिरती है। कुछ लोगों का तो यह भी कहना है कि उन्होने सुरंग में बड़ोग की परछाई देखी है। यही नहीं, बड़ोग को जो पसंद आता है, वे उनसे बातें भी करते हैं।
4.बेगुनकोडोर स्टेशन, पश्चिम बंगाल
इस स्टेशन को भूतिया पुरुलिया स्टेशन भी कहा जाता है। बेगुनकोडोर का ये स्टेशन पुरुलिया से करीब 50 किलोमीटर दूर है। कहा जाता है कि 1967 में एक स्टेशन कर्मचारी ने यहां महिला को सफेद साड़ी में देखा, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। उसके बाद से लोगों ने यहां आना बंद कर दिया। यही नहीं, 42 साल तक इस स्टेशन कोई ट्रेन भी नहीं रुकी। साल 2009 में ममता बनर्जी ने स्टेशन को फिर से खुलवाया और यहां सबसे पहले रांची-हटिया एक्सप्रेस का हाल्ट तय हुआ।
5.चित्तूर रेलवे स्टेशन, आंध्र प्रदेश
एक बार केरल एक्सप्रेस में ड्यूटी करते समय सीआरपीएफ अफसर हरि सिंह के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की। इसके बाद गंभीर हालत में चित्तूर रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन से नीचे धकेल दिया। 10 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद उनकी मौत हो गई। कहा जाता है कि, हरि सिंह की आत्मा आज भी स्टेशन पर न्याय के लिए भटकती रहती है। हालांकि, इस बात को कोई साबित नहीं कर सका।
6. रवींद्र सरोवर मेट्रो स्टेशन, कोलकाता
यह कोलकाता के प्रमुख मेट्रो स्टेशनों में से एक है। इस स्टेशन पर आने वाली ट्रेन के सामने कूद कर रिकॉर्ड संख्या में लोग सुसाइड कर चुके हैं। ऐसा कहा जाता है, इस स्टेशन पर जो भी मरता है, वह सब भूत बन जाते हैं। रात 10:30 बजे यहां से आखिरी मेट्रो गुजरती है। उस समय कई मुसाफिर और मेट्रो के ड्राइवरों ने इस चीज महसूस कर चुके हैं। लोगों का कहना है, मेट्रो ट्रैक के बीच अचानक कोई धुंधला साया आ जाता है और पल में ही गायब हो जाता है। यही नहीं कुछ लोगों का तो यह भी कहना है कि किसी दिन अंतिम ट्रेन गुजर जाने के बाद अगर कोई यहां रुकने की हिम्मत करते हैं, तो चीखती आवाजें सुनने को मिलती हैं। हालांकि, आज तक इसका कोई सबूत नहीं मिला।
7. द्वारिका सेक्टर-9 मेट्रो स्टेशन, दिल्ली
इस स्टेशन के पास एक पीपल का पेड़ है। लोगों का कहना है, यहां आत्माएं रहती हैं। यहां भगवान की मूर्तियां भी लगाई गई हैं। कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि सफेद रंग की साड़ी में औरत देखी गई, जो लोगों से लिफ्ट मांगती रहती है। जब उसे लिफ्ट देते हैं, तो वह अपने आप ही गायब हो जाती है। जो लिफ्ट देने से मना करता है, उसका क्या हाल होता है, किसी को नहीं मालूम। हालांकि, इसे आज तक कोई प्रूफ नहीं कर पाया है।
8.MG रोड मेट्रो स्टेशन, गुरुग्राम
दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर पर स्थित इस स्टेशन के बारे में अजीबोगरीब बातें प्रचलित हैं। कुछ समय पहले यहां एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई थी। कहा जाता है कि आज भी उस महिला की आत्मा कभी-कभी दिखाई देती है। वह अपनी आंखें और जीभ निकाल कर दौड़ती है। आसपास दुकान लगाने वाले भी इस बात को सही बताते हैं। स्टेशन पर सफाई करने वालों का कहना है, रात के समय जब मेट्रो बंद हो जाती है, तब ट्रैक पर अजीब किस्म की आवाजाही होती है। हालांकि, इसे कोई साबित नहीं कर सका।
1. यूपी के कानपुर में रविवार को इंदौर-पटना ट्रेन हादसे में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। हादसे के बाद कुछ स्थानीय लोग इस जगह को श्रापित मानने लगे हैं। hum आपको देश के कुछ ऐसे रेलवे स्टेशन के बारे में बताने जा रहा है, जहां लोग जाने से डरते हैं।
यूपी के इलाहाबाद के पास स्थित नैनी रेलवे स्टेशन नैनी जेल से कुछ दूरी पर ही है। ऐसा कहा जाता है कि नैनी जेल में कुछ स्वतंत्रता सेनानियों की मौत दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से हो गई थी। उन सेनानियों की आत्माएं स्टेशन पर घूमती हैं। हालांकि, इनको आजतक किसी ने नहीं देखा। लेकिन स्थानीय लोगों की मानें तो आत्माओं की उपस्थिति महसूस की जा सकती है।
2. लुधियाना रेलवे स्टेशन, पंजाब
इस स्टेशन के रिजर्वेशन केंद्र के एक कोने में छोटा सा कमरा है, जिसमें कभी कम्प्युटर आरक्षण प्रणाली (सीआरएस) के अफसर सुभाष नौकरी करते थे। एक दिन इसी छोटे कमरे में सुभाष की मौत हो गई। लोगों का मानना है कि इस कमरे के आसपास से गुजरने पर सुभाष की आत्मा पीठ पर थप्पड़ मारती या चिकोटी काटती है। लोग कहते हैं, सुभाष को अपनी नौकरी से प्रेम था, इसलिए उनकी आत्मा नहीं चाहती कि उनकी कुर्सी पर कोई और बैठे। यही वजह है कि वह बिना छुट्टी लिए रोज काम पर आ जाते थे। वह कमरा आज भी बंद पड़ा है।
3.बड़ोग स्टेशन हिमाचल प्रदेश
बड़ोग स्टेशन हिमाचल प्रदेश के शिमला से करीब 65 किलोमीटर पहले मिलता है। यह स्टेशन इंजीनियर कर्नल बड़ोग की कहानी के लिए जाना जाता है, जिन्हें इस सुरंग को बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। बड़ोग सुरंग के दोनों तरफ खुदाई के लिए कर्नल ने एक योजना बनाई, जिससे कि वह काम जल्दी हो जाता। लेकिन उनसे एक ऐसी गलती हुई, जिससे सुरंग के दोनों छोर एक-दूसरे से नहीं मिल पाए। सुरंग जिसे एक सुंदर स्टेशन बनना था, वह आपदा में तब्दील हो गई। इसके बाद ब्रिटिश सरकार ने बड़ोग पर 1 रुपए का दंड लगाया। बड़ोग को अपनी इस असफलता पर बहुत ज्यादा शर्मिंदगी हुई। वह एक दिन सुरंग के अंदर गए और वहीं सुसाइड कर लिया। इसके कुछ सालों बाद एक और नई सुरंग बनाई गई, जिसका नाम बड़ोग रखा गया।
बड़ोग की अधूरी सुरंग, अभी उतनी अच्छी हालत में नहीं है। उसके छत से पानी टपकता रहता है और अंदर अंधेरा छाया रहता है। यात्री इस सुरंग के अंदर यह देखने जाते हैं कि वास्तव में बरोग का भूत उस सुरंग में है या नहीं। यह भी कहा जाता है कि जो नई सुरंग है, वहां बड़ोग की आत्मा घोड़े की सवारी करती फिरती है। कुछ लोगों का तो यह भी कहना है कि उन्होने सुरंग में बड़ोग की परछाई देखी है। यही नहीं, बड़ोग को जो पसंद आता है, वे उनसे बातें भी करते हैं।
4.बेगुनकोडोर स्टेशन, पश्चिम बंगाल
इस स्टेशन को भूतिया पुरुलिया स्टेशन भी कहा जाता है। बेगुनकोडोर का ये स्टेशन पुरुलिया से करीब 50 किलोमीटर दूर है। कहा जाता है कि 1967 में एक स्टेशन कर्मचारी ने यहां महिला को सफेद साड़ी में देखा, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। उसके बाद से लोगों ने यहां आना बंद कर दिया। यही नहीं, 42 साल तक इस स्टेशन कोई ट्रेन भी नहीं रुकी। साल 2009 में ममता बनर्जी ने स्टेशन को फिर से खुलवाया और यहां सबसे पहले रांची-हटिया एक्सप्रेस का हाल्ट तय हुआ।
5.चित्तूर रेलवे स्टेशन, आंध्र प्रदेश
एक बार केरल एक्सप्रेस में ड्यूटी करते समय सीआरपीएफ अफसर हरि सिंह के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की। इसके बाद गंभीर हालत में चित्तूर रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन से नीचे धकेल दिया। 10 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद उनकी मौत हो गई। कहा जाता है कि, हरि सिंह की आत्मा आज भी स्टेशन पर न्याय के लिए भटकती रहती है। हालांकि, इस बात को कोई साबित नहीं कर सका।
6. रवींद्र सरोवर मेट्रो स्टेशन, कोलकाता
यह कोलकाता के प्रमुख मेट्रो स्टेशनों में से एक है। इस स्टेशन पर आने वाली ट्रेन के सामने कूद कर रिकॉर्ड संख्या में लोग सुसाइड कर चुके हैं। ऐसा कहा जाता है, इस स्टेशन पर जो भी मरता है, वह सब भूत बन जाते हैं। रात 10:30 बजे यहां से आखिरी मेट्रो गुजरती है। उस समय कई मुसाफिर और मेट्रो के ड्राइवरों ने इस चीज महसूस कर चुके हैं। लोगों का कहना है, मेट्रो ट्रैक के बीच अचानक कोई धुंधला साया आ जाता है और पल में ही गायब हो जाता है। यही नहीं कुछ लोगों का तो यह भी कहना है कि किसी दिन अंतिम ट्रेन गुजर जाने के बाद अगर कोई यहां रुकने की हिम्मत करते हैं, तो चीखती आवाजें सुनने को मिलती हैं। हालांकि, आज तक इसका कोई सबूत नहीं मिला।
7. द्वारिका सेक्टर-9 मेट्रो स्टेशन, दिल्ली
इस स्टेशन के पास एक पीपल का पेड़ है। लोगों का कहना है, यहां आत्माएं रहती हैं। यहां भगवान की मूर्तियां भी लगाई गई हैं। कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि सफेद रंग की साड़ी में औरत देखी गई, जो लोगों से लिफ्ट मांगती रहती है। जब उसे लिफ्ट देते हैं, तो वह अपने आप ही गायब हो जाती है। जो लिफ्ट देने से मना करता है, उसका क्या हाल होता है, किसी को नहीं मालूम। हालांकि, इसे आज तक कोई प्रूफ नहीं कर पाया है।
8.MG रोड मेट्रो स्टेशन, गुरुग्राम
दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर पर स्थित इस स्टेशन के बारे में अजीबोगरीब बातें प्रचलित हैं। कुछ समय पहले यहां एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई थी। कहा जाता है कि आज भी उस महिला की आत्मा कभी-कभी दिखाई देती है। वह अपनी आंखें और जीभ निकाल कर दौड़ती है। आसपास दुकान लगाने वाले भी इस बात को सही बताते हैं। स्टेशन पर सफाई करने वालों का कहना है, रात के समय जब मेट्रो बंद हो जाती है, तब ट्रैक पर अजीब किस्म की आवाजाही होती है। हालांकि, इसे कोई साबित नहीं कर सका।