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Wednesday, October 26, 2016

रहस्यमयी है यह जगह, यहां हो जाते हैं गायब

Jeetendra Gaur
रहस्यमयी है यह जगह, यहां हो जाते हैं गायब
यदि इस पृथ्वी पर आध्यात्मिक नियंत्रण केंद्र है तो वह संग्रीला घाटी ही है। संग्रीला घाटी तिब्बत और अरुणाचल की सीमा पर स्थित है। पृथ्वी के वायु मंडल में बहुत से ऐसे स्थान हैं जहां वायु शून्य रहती है।

ठीक उसी तरह धरती पर भी ऐसे अनेक स्थान है जो कि भू-हीनता के प्रभाव क्षेत्र में आते हैं। भू हीनता और वायु शून्यता वाले स्थान वायुमंडल के चौथे आयाम से प्रभावित होते हैं।

ये वो स्थान होते हैं जहां कोई वस्तु या व्यक्ति चला जाय तो इस तीन आयाम वाले स्थूल जगत में उसका अस्तित्व लुप्त हो जाता है। यानी वह वस्तु इस दुनिया से गायब हो जाती है।

संग्रीला घाटी भी भू हीनता और चौथे आयाम से प्रभावित होने के कारण रहस्यमयी बनी हुई है। इस घाटी को बिना किसी तकनीकी की सहायता से देखना असंभव है। मान्यता है कि इस घाटी का संबंध अंतरिक्ष के किसी लोक से है।

संग्रीला घाटी के बारे में एक प्राचीन किताब 'काल विज्ञान' में उल्लेख मिलता है। तिब्बती भाषा में लिखी यह किताब तवांग मठ के पुस्तकालय में आज भी मौजूद है। पुस्तक में वर्णित है कि इस तीन आयाम वाली दुनिया की हर चीज़ देश, काल और निमित्त से बंधी हुई है।

लेकिन संग्रीला घाटी में काल नगण्य है। वहां प्राण, मन और विचार की शक्ति एक विशेष सीमा तक बढ़ जाती है। शारीरिक क्षमता और मानसिक चेतना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।

यहां आयु भी बहुत अति धीमी गति से बढ़ती है। मान लिया जाए कि किसी व्यक्ति ने इस घाटी के क्षेत्र में 25 वर्ष की उम्र में प्रवेश किया है तो उसका शरीर लंबे समय तक युवा बना रहेगा। यह घाटी स्वर्ग तो नहीं लेकिन स्वर्ग जैसी ही है।

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संग्रीला घाटी ठीक वरमुडा त्रिभुज की तरह ही है। यह वह स्थान है जो समुद्र में जहां पानी का जहाज या उसके ऊपर आकाश में हवाई जहाज पहुंच जाए तो वह वह गायब हो जाता है।

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